मंगलवार, 29 मई 2012

बाल्टी और नल

गर्मी का मौसम
दहकते अंगारों के बीच
ये बाल्टी
इंतजार में है नल के
जब बाल्टी खाली होती
तब रुठ जाता है नल
मुए मुंशीपाल्टी वाले
भरने नहीं देते बाल्टी
आधी बाल्टी भरते ही
चला जाता है नल
मोंटू की दो चार नैपी धोकर
टांगती हूँ नल पे
बाकी कपड़े तो धोबी के हवाले
खर्च बढ गया धुलाई का
कपड़े भी ठीक से नहीं धोता
प्यासी रह जाती है बाल्टी
और ठगा सा खड़ा रहता है नल
पानी का बिल भरना पड़ता है पूरा
पीने के लिए लाना होता है
मिनरल वाटर
मंहगाई सुरसा हो गयी
खड़ा रहता है नल
पानी के इंतजार में
और मैं बाल्टी भरने के

3 टिप्‍पणियां:

  1. एक संक्षिप्त परिचय तस्वीर ब्लॉग लिंक इमेल आईडी के साथ चाहिए , कोई संग्रह प्रकाशित हो तो संक्षिप ज़िक्र और कब से
    ब्लॉग लिख रहे इसका ज़िक्र rasprabha@gmail.com

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  2. "नल सबसे जरुरी, बिन नल सब सून"
    हमें भी इनका इंतजार रहता है, इसके बिना जीवन नहीं चल सकता...
    सुन्दर रचना...

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  3. बिन पानी सब सून.....
    बढ़िया रचना...

    अनु

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